घंंटोंं कंप्यूटर के सामने बैठना सेहत के लिए खतरनाक, जानें क्या समस्या हो सकती है?

घंंटोंं कंप्यूटर के सामने बैठना सेहत के लिए खतरनाक, जानें क्या समस्या हो सकती है?

सेहतराग टीम

बढ़ते टेक्नोलॉजी और डिजिटल दौर में लोग अपनी सेहत की देखभाल अच्छे से नहीं कर पा रहे हैं, जिसका नतीजा है कि ज्यादातर लोग अक्सर बीमार रहते हैं। आज के समय में बहुत सारे लोग अपना आधा समय टेक्नोलॉजी के साथ बीता देते हैं। दरअसल आज के समय में पैसे कमाने का और अपनी आजिविका चलाने के लिए सबसे आसान और सरल साधन कंप्यूटर और फोन ही है। इसलिए तो ज्यादातर लोग अक्सर कंप्यूटर और फोन पर व्यस्थ रहते हैं। मौजूदा वक्त में भले ही यह आपके लिए आम बात हो गई हो लेकिन यही आपको धीरे-धीरे बीमार कर रही है। कंप्यूटर और फोन भले ही अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं लेकिन क्या आपको पता है कि यह आपको कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का शिकार बना रहे हैं। जी हां, ये सिंड्रोम हमारी आंखों को डिजिटल रुप से काफी प्रभावित कर रहा है जो हमारी आंखों को खराब करने में सक्षम हैं।

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आपको जानकर हैरानी होगी कि कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से दुनियाभर में करीब 6 करोड़ लोग प्रभावित हैं। इन दिनों सभी प्रकार की जॉब में आपको कुछ न कुछ वक्त स्क्रीन के आगे बिताना होता है क्या आप भी उनमें से एक हैं? कंप्यूटर विजन सिंड्रोम तब होता है जब आप अपने फोन और कंप्यूटर पर जरूरत से ज्यादा समय आंखे गड़ाए बैठे रहते हैं। इसके कारण आपकी आंखों की मांसपेशियों को ओवरटाइम काम करना पड़ता है। किसी भी अन्य मांसपेशी की तरह अगर आप लगातार अपनी आंख की मांसपेशियों को तनाव देते हैं, तो वे थक जाती हैं और समय के साथ कमजोर हो जाती हैं। इस लेख में हम आपको आंखों को दुरुस्त रखने के 5 तरीके बता रहे हैं, जो आंखों की थकान उतार सकते हैं।

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण 

  • धुंधला-धुंधला दिखाई देना। 
  • आंखों की थकान होना।
  • गर्दन में लगातार दर्द। 
  • लगातर सिरदर्द रहना।

5 तरीके, जो आपकी आंखों को रखेंगे दुरुस्त

20-20 नियम का पालन करें

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से बचने के सबसे सरल समाधानों में से एक है स्क्रीन पर कम से कम समय बिताना। लेकिन दुर्भाग्य से हम में से ज्यादातर लोगों के पास इसका कोई विकल्प नहीं है। इसलिए आप 20-20 का ये आसान तरीका अपना सकते हैं। जब आपकी आंखें कंप्यूटर स्क्रीन को देखकर थका हुआ या तनाव महसूस करना शुरू कर दें, एक ब्रेक लें और उस वस्तु को देखें जो आपसे दूर है। ये नियम हर 20 मिनट के बाद अपनाएं। आपको हर 20 मिनट के बाद 20 सेकेंड के लिए दूरी पर रखी चीज को देखना होगा। ऐसा करने से आपकी आंखों को आराम मिल सकता है और सिरदर्द को रोका जा सकता है।

नीली रोशनी के संपर्क को सीमित करें

आप भले ही अपने काम के घंटों को कम नहीं कर सकते हैं लेकिन आप स्क्रीन पर बिताए जाने वाले समय को सीमित करने का प्रयास जरूर कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको स्क्रीन से आने  वाली उर्जा से आंखों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

हरी-भरी सब्जियां खाएं

हम बचपन से ये सुनते आ रहे हैं कि हरी-भरी सब्जियां (विटामिन ए से भरपूर) खाने से हमारी आंखों का स्वास्थ्य बेहतर होता हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां में पाए जाने वाले पोषक तत्व, ज़ेक्सैथीन और ल्युटीन नाम के एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण आपकी आंखों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।

पढ़ते वक्त प्रयोग होने वाला चश्मा पहनें

पढ़ाई में प्रयोग होने वाला चश्मा पहनने से आपको आंखों को आराम देने में मदद मिलेगी। जब आप स्क्रीन पर आठ घंटे से ज्यादा वक्त बिताते हैं तो आपकी आंखों को थकान और आंखों से पानी आने की समस्या हो सकती है। पढ़ने वाले चश्मे का प्रयोग करने से आपको स्क्रीन से आने वाली रोशनी को रोकने में मदद मिलती है, जिससे आंखों पर कम दबाव पढ़ता है।

सप्लीमेंट लेने पर विचार करें

अगर आप रोजाना पर्याप्त मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं ले पा रहे हैं तो सप्लीमेंट का विकल्प भी आपके लिए खुला है। आप रोजाना 20 से 25 मिलीग्राम ल्युटीन और जेक्सैथीन लेने की कोशिश करें फिर चाहे वह सप्लीमेंट से हो या सब्जियों से।

 

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